Friday 28 February 2014

ऐलेन कैरियर इंस्टिट्यट के कई छात्र-छात्राऐ हर वर्ष सो जाते है मौत के आघोष में


  • ऐलेन कैरियर इंस्टिट्यट  के कई छात्र-छात्राऐ हर वर्ष सो जाते है मौत के आघोष में


पढाई के बोझ को ले कर कर लेते है अपनी आत्महत्या या कोचिंग इंस्टिट्यट का होता है दबाव 

हर वर्ष छात्र-छात्राओं की मौत के आकड़े क्यो बडते जा रहे है ?



कोटा ।
         शिक्षा नगरी के नाम से विख्यात कोटा शहर राजस्थान में ही नही बल्की पूरे भारत देख में विख्यात है और इसकी प्रसिदी को सुन - सुन कर हर वर्ष हजारों की तादाद में अपना भविष्य का निर्माण करने की चाह में विद्यार्थी कोटा शहर में आते है लेकिन कोटा शहर का आलम देख आगन्तुक विद्यार्थी भविष्य निर्माण को छोड कर अपने भविष्य का ही निर्वाण कर बेठते है जिसके पीछे करण भी अनेक होते है शहर के प्राईवेट कोचिंग संस्थानों ने अपनी मन मर्जी की फ्सि लगाई हुई है जिसके चलते छात्र-छात्राओं पर  कुछ दबाव तो वही से बड जाता है  अधिक फ्सि भर कर प्रवेश मिलने के बाद भी शहर की विख्यात कोचिंग संस्थाऐ छात्र- छात्राओं को पढाई का उक्त माहोल नही दे पाती है जिनके नाम के बारे में जानना चाहे तो वह कोटा शहर की ही नही बल्की देश भर में विख्यात मानी जाती है । जिनमें ऐलेन कैरियर इन्सटीट्यट को सबसे ज्यादा उपलब्दी प्राप्त है । अगर हम बात करे विद्यार्थीयों केे आत्महत्या की तो साल 2013  में ऐलेन कॉरियर इन्सटीट्यट  के विद्यार्थीयों ने सबसे ज्यादा आत्त्महत्या को गले लगाया है और जिनकी मौत की खबर  ऐलेन कैरियर इन्सटीट्यट संस्थान के मेनेजमेन्ट डॉयरेक्टर द्वारा इस कदर छुपाई जाती है की पुलिस के अलावा मृतक विद्यार्थी को भी पता नही होता है की मेरी मौत की फाईल किस अन्जाम पर जा कर बन्द हुई होगी परिजन को अपनी चिकनी चुपडी बतो में फसा कर मृतक छात्र-छात्राओं की फाईले बन्द कराई जाती है जिसका सबुत कोटा पुलिस भी है लेकिन सामने आने से तो इन्कार ही करती है  ऐलेन कैरियर इन्सटीट्यट द्वारा मृतक छात्र-छात्रओं के मामलों का निपटारा कराने के लिए पुलिस का ही एक दलाल रूप में अधिकारी होता है जो किसी भी प्रकार से हुई मौत को आत्महत्या में बदल सकता है । 

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